हमारा भारतवर्ष में बहुत से धर्म के लोग रहते हैं, सभी प्रकार के धर्म के लोग भाईचारे की भावना से भारत को एक एकता का प्रतीक बनाते हैं। इन्ही में एक धर्म है, सनातन धर्म।
सनातन धर्म का शाब्दिक अर्थ
सनातन धर्म का अर्थ होता है- शाश्वत या “सदा बने रहना” मतलब जिसका नआदि हैं न अतं हैं। सनातन धर्म को जिसे सनातन धर्म या अथवा वैदिक धर्म के नाम से भी जाना जाता हैं। और यह धर्म सबसे प्राचीन धर्म के रूप में भी जाना जाता हैं।
लेकिन आज हमारा सनातन धर्म अनेकों विभिन्न श्रेणियों में बटा हुआ हैं, कही हमारा धर्म जाति और कही उच्च वर्ग व कही निम्न वर्ग श्रेणी इन जसै अनेकों तरीकों के कारक आपको समाज में देखने को मिलते हैं, जो हमारे सनातन धर्म के एकता को प्रभावित करते हैं। हमारे देश में बोलने के लिए 75% सनातनी रहते लेकीन सब अलग अलग वर्गों में बटें हुए हैं इसलिए हम एक सगंठन की शुरुआत कर रहे हैं, “सनातन सगंठन” |
सनातन सगंठन
यह सघंठन कि शुरुआत चल रहे भारत देश में सनातन धर्म के बटे हुए अलग-अलग जाति , धर्म व शामदुाय या संस्था के लोगों इस संस्था के माध्यम से सभी सनातनी को एक करना हैं।
सनातन सगंठन का मूल उद्देश्य
सनातन सगंठन का अनेकों उद्देश्य हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं-
- सनातन सगंठन का प्रारंभ करना केवल सनातन धर्म के लोगों को एकजटु करना नहीं बल्कि हमारे दबती हुई संस्कृति को भी एक नया किरण देना हैं।
- इस सघंठन के माध्यम से हम सभी वर्ग जाति और सनातन संस्थाओं को आपस में मिलाना हैं जिससे हमारे सारे सनातन धर्म के लोग जो सनातन धर्म के बहुत से कथाओं और बातों के अबोध है उन्हें सही जानकारी पहुच सकें।
- इस संस्था के माध्यम से हम एक नई शिक्षा प्रणाली के साथ सनातन गुरुकुल का आरम्भ करेंगे, जिस मे ना केवल वेद पुराण, अस्त्र शस्त्र विद्या बल्कि आधुनिक काल की नई शिक्षा प्रणाली भी शामिल होगी ।
नई शिक्षा प्रणाली के साथ सनातन गुरुकुल
इस नई शिक्षा प्रणाली में प्राचीन काल में जैसे गुरुकुल की शिक्षा होती थी । जिस मे गुरु बिना किसी भेद-भाव से पढ़ाते थे चाहे वह राजा को बेटा हो या फिर वह एक सिपाही का बेटा सभी को एक समान विद्या से अवगत कराया जाता था | उसी प्रकार इस नई शिक्षा प्रणाली में प्राचीन काल की तरह गुरुकुल की पढ़ाई तो होगी ही साथ में नई शिक्षा नीति भी शामिल होगी।
हम सब मिलकर एक बार एक सभी जगह गुरुकुल विद्यालयों की शुरुआत करेंगे जिसकों सनातन के मजबूती से और दृढ़ इच्छाशक्ति से शहर के अलग-अलग शभाओं द्वारा संचालित किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के साथ गुरुकुल में निम्न बिन्दु हैं-
इस नई शिक्षा नीति को आप न्यु मॉडल एजुकेशन भी बोल सकते हैं, इसमें आपको बहुत से कार्यप्रणाली देखने को मिलेंगे जैसे-
- इसमें बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और उनको अनेकों प्रकार के औषधियों से अवगत कराया जाएगा।
- उन्हें हमारे सनातन संस्कारों के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा ताकि वे जब हमारे देश से दूसरे विदेश जाएंगे तो सनातन धर्म की प्रभाव उनकी बातों में दिख सकें।
- आपको पता ही होगा कि हमारे समाज में सोशल मीडिया का बहुत दुषप्रभाव बढ़ते ही जा रहा हैं, इस नई शिक्षा प्रणाली में आपको सोशल मीडिया के दुषप्रभाव से कैसे बचना हैं।
- और साथ ही साथ सोशल मीडिया का उपयोग कर आप अपने काम को आसान कैसे कर सकते हैं, ये भी सिखाया जाएगा।
- व सबसे जरूरी ध्यान हमारे दबती हुई संस्कृति को कैसे आगे लाकर बढ़ाया जाएगा इस पर विशेष प्रकार की शिक्षा नीति तैयार की गई हैं।
- इस गुरुकुल में बच्चों को उच्च स्तर की विद्या दी जाएगी चाहे वह अस्त्र विद्या हो या सस्त्र विद्या और इसमें एआई जैसे विभिन्न डिजिटल इंस्ट्रूमेंट के बारे में विस्तार से जानकारी दी जायेगी ।
- इस गुरुकुल का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह हैं, की मॉडर्न एजुकेशन के साथ-साथ बच्चे सनातन धर्म को भी गहराई से जानें।
सभी हिन्दू समितियों का सिर्फ़ एक मचं (सनातन सगंठन)
हमारे सनातन धर्म को बहुत से लोगों ने अपने अपने स्वार्थ के अनुसार इस्तमाल किया और कर रहे हैं। किसी ने हमें अपने जाति में बाट के, तो किसी ने वर्गों में बाट के कुछ लोगों को उच्च वर्ग व कुछ लोगों को माध्यम वर्ग और कुछ लोगों को निम्न वर्ग में बाट दिया।
जबकि प्राचीन काल में ऋषि मुनियों ने जाति को काम के हिसाब से बाटा था, लेकिन कुछ अभद्र लोगो ने इसे लोगो के मूल जाति का दर्जा दे दिया। जो आज तक चले आ रही है |
इस सघंठन के माध्यम से हम सारे भारत देश के सभी सनातनी (सनातन धर्म) के लोगों से आग्रह करते हैं, कि सभी इस मचं में आकर हमारे सनातन धर्म की मूल पौराणिक मान्यताओं को समझे और नई शिक्षा प्रणाली के साथ नई गुरुकुल शिक्षा की शुरुआत करने में हमारी मदद करें।
जब पूरा देश का एक साथ मिलकर चलेगा तो गुरुकुल को स्थापित करना बहुत ही सरल हो जाएगा। जब इस गुरुकुल विद्यालय को अलग अलग जगह के प्रधान एक ही मचं में संचालित करेंगे तब सनातन एकता और सनातन की जीत होगी।
हमारे भारत देश में सनातन धर्म के अगल अलग वर्गों के बहुत से सभी राज्यों के बड़े और छोटे शहरों में बहुत से बड़े और छोटे सभाएं हैं जैसे अग्रवाल सभा, खत्री सभा व ब्राह्मण सभा इत्यादि बहुत से सनातन धर्म के सभाएं हमारे देश में मौजदू हैं, जिनको हम नमन निदेवन करते हैं कि आप सारे हमारे उत्कर्ष सनातन फाउंडेशन में जुड़कर और एक ही मचं “सनातन सगंठन” में जुड़कर इस फाउंडेशन के लक्ष्य को पूरा करने में बढ़ चढ़कर हिस्सा लें और अपने आसपास के सभी सनातनी भाइयों को भी इस फाउंडेशन का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करें।
व जो भी सनातनी लोग है जो कलाकार है उन से निवेदन है कि अपने गीतों के माध्यम से और अपने कला के माध्यम से हमारी बातों को सनातनी लोगों तक पहुचाने में मदद करें।
इस मचं में सभी प्रकार के सभाओं के सभापतियों का शामिल होना इसलिए आवश्यक हैं, क्योंकि इनके नीचे जो भी सनातनी भाई है वो भी सीधे हमारे फाउंडेशन से जुड़ जाएंगेऔर इस सगंठन को और भी प्रोत्साहन मिलेगा।
आप लोगों से विनती है यह दस बिंदु को जरूर ध्यान दें:-
01.
- कोई भी सनातनी भाई किसी भी राजनैतिक पार्टी का प्रचार प्रसार नही करेगा।
02.
- सभी गांव या शहर में रहने वाले भाई बन्धुओं से निवेदन है की अपने वार्ड के प्रत्येक मदिंर में प्रत्येक रविवार एक साथ आधे घंटे के लिए मिलकर अपने सनातन धर्म और अपने सुख दुख के सभी विषयों पर चर्चा करें। और हर रविवार अलग अलग मदिंरों में जा के चर्चा करें और एक दुसरे के सुख दुख में साथ दें।
03.
- पांचवीं कक्षा के बाद अपने बच्चों को किसी सतं महात्मा से नाम सिमर (गुरू मत्रं ) दिलाना ताकि वह आनेवाले समय में गलत सगंत से बच पाए ।
04.
- बचपन से लेकर बढ़ापे तक गौ माता का दूध जो हमारे लिए एक अमतृ का काम करता है. यदि सभंव हो पाए तो अपने वार्ड में छोटा सा गौशाला बनाके गौ सेवा जरुर करें और जो भाई दूध बेचने का धंधा करते हैं वे अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा गौ माता के सेवा में जरूर लगावे।
05.
- लोगो के द्वारा फैलाए गए गलत गलत भ्रम जैसे शिव जी मादक पदार्थों का सेवन करते थे और कृष्ण जी गोपियों के वस्त्र चुरा लेते थे ऐसे गलत बातों को ने मानना क्योंकि ऐसे बातों का दूर-दूर तक भी हमारे ग्रन्थों में उल्लेख नहीं किया गया हैं। तो आप ऐसे भ्रम में ना आए अपने धर्म शास्त्रों के अनुसार अपने धर्म को जानें।ऐसे भ्रम फैलाने वाले लोगों को विनम्रता पूर्वक कहना चहिए कि ऐसा किसी भी बातों का उल्लेख हमारे सनातन धर्म के शास्त्रों में नहीं हैं।
06.
- हर महीने के दूसरे इतवार को सोशल वर्क करना जैसे गर्मी के दिनों में मिट्टी के घड़े रखकर पीने के पानी का व्यवस्था करना, पेड़ लगाना व अपने घर के छतों में चिड़यों के लिए पीने का पानी का व्यवस्था करना।
07.
- किसी भी धर्म जाति या समुदाय के बारे में टिप्पणी नहीं करना। अगर कोई व्यक्ति किसी भी धर्म जाति समुदाय पर सनातन उत्कर्ष फाउंडेशन के नाम से टिप्पणी करता हैं, तो उस व्यक्ति को बर्खास्त कर दिया जाएगा।
08.
- लेन देन के मामलों में ( सामान खरीदी ) अपने सनातनी भाइयों का सही कीमत में समान महुैया कराना।
09.
- सनातन सगंठन के द्वारा आपको परेशान नहीं किया जाएगा लेकिन भविष्य में कभी मिलन कार्यक्रम हुआ तो बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना।
10.
- जो हम बड़ा लक्ष्य ले के चले है उसका पूरा करना एक ही व्यक्ति की बस की बात नहीं हैं, इसलिए आप अपना थोड़ा थोड़ा महीने में सहयोग राशि हमारी सघंठन में योगदान करें।
11.
- इस गुरुकुल का महत्वपूर्ण उद्देश्य यह हैं, की मॉडर्न एजुकेशन के साथ साथ बच्चे सनातन धर्म को भी गहराई से जानें। हम गांव और शहर में एक नए समिति का गठन किए हैं, जिसमे आप भी जरूर भाग लें।
12.
- आप सभी से विनती है कि हमारे सनातन सगंठन, सनातन एकता और गुरुकुल का साथ और सहयोग बढ़ चढ़कर करें।
आप हमारी फाउंडेशन से जड़ुने के लिए और ये जानने के लिए की आपके आस पास के कौन कौन सनातनी भाई इस जुड़े हैं इसको जानने के लिए हमारी ऑफिशियल वेबसाइट sanatanutkarshfoundation.org में जाकर साइन इन करें और हमारे फाउंडेशन का हिस्सा बनें।
हम सिर्फ प्रयास कर रहे हैं, बाकी करने और करवाने वाले भगवान हैं और हमारे गुरुजनों का आशीर्वाद हैं जो हमेशा हमें सनातन को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता हैं।
सनातन सगंठन हमारी भावना और इच्छा है, जिसके लिए सनातन उत्कर्ष फाउंडेशन प्रयास कर रही है।
Follow Us On:
सनातन उन्नति
हमारे इस सगंठन के आगे बढ़ने से हमारे सनातन धर्म की एकता और एकजुटता में आने वाले समय में अच्छा प्रभाव देखने को मिलेगा और इससे हमारे देश को विश्वगुरु बनाने की ओर एक सुनहरा कदम बढ़ेगा और हमारी दबती हुई संस्कृति और सनातन धर्म के सभी लोग एक ही पाएंगे।
नोट – सनातन उत्कर्ष फाउंडेशन कभी भी किसी भी राजनैतिक पार्टी का प्रचार प्रसार नही करता ना ही समर्थनर्थ करता है।